
बांग्लादेश (Bangladesh) ने पिछले पांच सालों में वृद्धिदर (Growth rate) बढ़ा ली है. (तस्वीर: Pixabay)
बांग्लादेश (Bangladesh) ने पिछले पांच सालों में अपनी अर्थव्यवस्था (Economy) में काफी सुधार किया है, वहीं भारत (India) को हाल ही में कोविड-19 की वजह से काफी नुकसान हुआ है.
- News18Hindi
- Last Updated:
October 17, 2020, 2:55 PM IST
यह वजह बताई गई
आईएमएफ का कहना है कि इस बदलाव का कारण इस साल कोविड-19 महामारी की वजह से लगाया गया लॉकडाउन है. इस साल कोरोना महामारी के फैलने से दुनिया भर के साथ ही भारत भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मार्च के महीने में ही भारत में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. अगस्त सितंबर के बाद से इसमें काफी हद तक ढील दी गई, लेकिन अब भी लोगों को अपने घर से जरूरी काम होने पर ही निकलने की सलाह दी जा रही है. इस वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई.
यह स्थिति होगी दोनों देश कीआईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिकल आउटलुक (WEO) के अनुसार बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) साल 2020 में 4 प्रतिशत बढ़कर 1888 डॉलर हो जाएगा जबकि भारत का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 10.5 प्रतिशत बढ़ कर 1877 डॉलर रह जाएगा.
ऐसे बढ़ेगी उसके बाद अर्थव्यवस्था
भारत की यह प्रति व्यक्ति जीडीपी पिछले चार सालों में सबसे कम रहगी. जीडीपी का यह आंकड़ा दोनों ही देशों की वर्तमान कीमतों के आधार पर आंकी गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी साल 2021 में 8.2 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी और 2030 डॉलर तक पहुंच जाएगी. वहीं बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी केवल 5.4 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ पाएगी औ 1990 डॉलर तक पहुंचेगी.
दिल्ली ही नहीं दुनिया के ये राजधानियां भी परेशान हैं Smog से
दुनिया भर का यह हाल, लेकिन
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल वैश्विक वृद्धि की दर केवल 4.4 प्रतिशत तक सिमट कर रह जाएगी और साल 2021 में यह 5.2 प्रतिशत हो जाएगी. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस साल नेपाल और भूटान की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के आसार हैं जबकि आईएमएफ ने पाकिस्तान के साल 2020 और उसके आगे के आंकड़ों का खुलासा नहीं किया.
बांग्लादेश ने दिखाई तेजी, पर भारत का रहा यह हाल
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जहां पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश ने अपना निर्यात तेजी से बढ़ाया है तो वहीं भारत के निर्यात के स्थिति उसके अपने ही पिछले रिकॉर्ड की तुलना में बहुत अच्छी नहीं है. इसकी वजह से जहां पिछले पांच सालों बांग्लादेश की वार्षिक वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत रही तो वहीं भार की वृद्धि दर केवल 3.2 प्रतिशत ही रही.
जानिए आने वाले दो सालों में कौन से होंगे इसरो के प्रमुख अभियान
इस साल जी20 देशों में वृद्धि के मामले में जून तिमाही में भारत का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है. वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह माना था कि अर्थव्यवस्था वित्तीय वर्ष 2021 में 9.5 प्रतिशत तक सिमट जाएगी और मार्च तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के कारण इसमें थोड़ा सुधार हो सकता है.