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इलाहबाद हाईकोर्ट ने अहम निर्देश दिए हैं. (फाइल फोटो).
इलाहाबाद कोर्ट (Allahabad High Court) ने 22 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी होने वाली शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादला सूची पर रोक लगा दी है. अब 3 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा.
कोर्ट के इस आदेश के बाद 22 अक्टूबर को बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी होने वाली शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादला सूची पर रोक लग गई है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा, सीमांत सिंह, अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, नवीन शर्मा आदि दर्जनों वकीलों ने पक्ष रखा. याचिकाओं में अंतर्जनपदीय तबादले के तहत पुरुष और महिला अध्यापिकाओं के स्थानांतरण के लिए निर्धारित नियमों और पूर्व के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप है.
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लगाया गया है ये आरोपयाचिका में आरोप है कि स्थानांतरण 2008 की नियमावली के विपरीत किए जा रहे हैं. नई स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान है कि एक बार जिसने स्थानांतरण ले लिया वह दोबारा नहीं ले सकता है. जबकि 2017 के शासनादेश में ऐसा प्रावधान था जिसे 2018 में हटा लिया गया. अब 2019 के शासनादेश में फिर से वही प्रावधान लागू कर दिया गया. याचीगणों का कहना था कि यह नियमित स्थानांतरण नहीं है. जिन अध्यापकों को पूर्व अपने गृह जनपद में पोस्टिंग नहीं मिली उनको दोबारा स्थानांतरण की मांग करने का अधिकार है. इससे उनको वंचित नहीं किया जा सकता है. नियमावली में बदलाव करने का कोई कारण नहीं बताया गया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट तीन नवंबर को फैसला सुनाएगी. हाईकोर्ट ने तब तक सूची को अंतिम रूप देने पर रोक लगाई है.
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