
◼️पूर्वांचल एक्प्रेस में जमीनों की अदला बदली में दिए थे पैसे!
सुल्तानपुर। में एडीएम एफआर के पद पर रहे उमाकांत त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराई गई f.i.r. में गहरे राज छिपे हैं। दरअसल यह पूरा मामला पूर्वांचल एक्सप्रेस वे ( सिक्स लेन ) से जुड़ा हुआ है।पूर्वांचल एक्प्रेस वे में दर्जनों ठेकेदार फर्श से अर्श तक पहुंच गए उसके पीछे अधिकारियों का आशीर्वाद माना जाता रहा है। बताया जाता है कि सिक्स लेन में जमीनों के अदला-बदली के मामले में सुल्तानपुर के किसानों को अरबों रुपये का मुआवजा दिया गया ।इस खेल में मजरे डीह गावँ का रविंद्र नाथ मिश्रा भी शामिल हो गया। पता चला है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में रबिन्द्र ने अपनी दो बीघा जमीन की अदला- बदली करवाकर फायदा उठाया।उसने फायदे की बात अपने कुछ खास रिश्तेदारों को भी बताई।फायदे के फेर में आकर रिश्तेदारों ने भी अपनी जमीनों का सर्किल रेट पर भाव लगाने लगे ।
साहब के गेट पर होती थी डिलवरी!
सूत्रों के अनुसार यह पूरा मामला बड़े साहब के दफ्तर में डील होता था ।पता तो यह भी चला है की आरोपी रविंद्र लेनदेन अपने हाथों से करता था। लेकिन रविंद्र भी अपने करीबियों से लिफाफा बड़े साहब के गेट पर लेता था और थैला पकड़कर अंदर जाकर डिलीवरी देता था और थोड़ी देर में सभी क्लाइंट की नजरों के सामने बाहर खाली हाथ आ जाता था।बकौल रविन्द्र नाथ मिश्रा पैसे देने के हफ्ते भर के भीतर ही एडीएम (एफ.आर) का तबादला बांदा जनपद हो गया ।पता तो यभी चला है कि कई साथियों ने अपने पैसे की बकाए के लिए बांदा भी गए थे ।
तीन काम का दिया था 17 लाख, 5 लाख हुए वापस
(सुल्तानपुर)बांदा जनपद पहुँचते ही वहां पर एक धड़ा पवनेश दूबे टूट गया और उसने साहब से हाथ मिला लिया। बताया जाता है कि इस पूरे मामले में रविंद्र खुद को फंसता देख सुल्तानपुर के एक एमएलसी से भी गुहार लगाई । तब एमएलसी ने एक पार्टी के जिलाध्यक्ष के जरिए मामले में सुलह की बात रखी ।लेकिन बात बन ने सकी। इधर रविंद्र पर पैसे की देनदारी के लिए दबाव बढ़ने लगा तो उसने स्पष्ट शब्दों में साहब को कोर्ट खिंचने की धमकी दे डाली।पता चला है कि इसी फेर में साहब ने बांदा में मुकदमा न दर्ज कराकर सुल्तानपुर आकर दर्ज कराया ।फिलहाल इस पूरे मामले को शाशन ने गंभीरता से लिया है।
रिपोर्ट :-योगेश यादव