
कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड एनर्जी पार्क
पीएम मोदी ने आज गुजरात के कच्छ में सोलर प्लांट समेत कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया. इन परियोजनाओं में कच्छ जिले के विगहाकोट गांव के पास हाइब्रिड रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क देश का सबसे बड़ा रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क होगा.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 15, 2020, 5:05 PM IST
इसके अलावा पीएम मोदी ने सरहद डेयरी अंजार, कच्छ में पूरी तरह से स्वचालित दूध प्रोसेसिंग और पैकिंग सिस्टम की आधारशिला भी रखी. इस संयंत्र की लागत 121 करोड़ रुपये होगी और इसमें प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध को प्रोसेस करने की क्षमता होगी.
खावड़ा में Renewable Energy पार्क हो,मांडवी में Desalination plant हो,और अंजार में सरहद डेहरी के नए ऑटोमैटिक प्लांट का शिलान्यास,तीनों ही कच्छ की विकास यात्रा में नए आयाम लिखने वाले हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) December 15, 2020
इन परियोजनाओं की भी दी सौगात
बता दें कि गुजरात के कच्छ में एक डीजलीनेशन प्लांट, एक हाइब्रिड रिन्युवेबल एनर्जी पार्क, और एक पूरी तरह से ऑटोमेटिक मिल्क प्रोसेसिंग और पैकिंग प्लांट शामिल हैं. कच्छ के मांडवी में बनने जा रहा डीजलीनेशन प्लांट समुद्री जल को पीने के पानी में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. पीएमओ ने कहा कि 10 मिलियन लीटर प्रति दिन की क्षमता (100 एमएलडी) वाला यह डिसेलिनेशन प्लांट गुजरात में नर्मदा ग्रिड, सौनी नेटवर्क और ट्रीटेड वेस्ट-वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर को सप्लीमेंट कर पानी की उपलब्धता बढ़ाएगा.
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देश का सबसे बड़ा रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क
कच्छ जिले के विगहाकोट गांव के पास हाइब्रिड रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क देश का सबसे बड़ा रिन्यूवेबल एनर्जी पार्क होगा. उन्होंने कहा कि “इस रिन्यूएबल एनर्जी पार्क में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा. इसमें सौर और पवन ऊर्जा दोनों से 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता होगी. यह परियोजना किसानों और उद्योग दोनों को मदद करेगी, और प्रदूषण को कम करके पर्यावरण की भी मदद करेगी. इस पार्क में उत्पादित बिजली 5 करोड़ टन CO2 के उत्सर्जन को रोकने में मदद करेगी.”
कच्छ का चौतरफा विकास
पीएम मोदी ने बताया कि “भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया. कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है. आज कच्छ की पहचान बदल गई है. कच्छ ने पूरे भारत को दिखाया है कि कैसे अपने स्वयं के संसाधनों पर विश्वास करके आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ें.