
नहीं मानी हार,जुनून व जज्बे के बल पर सरकारी मेडिकल कालेज में सिमरन साहू ने पाया प्रवेश-
सुल्तानपुर।
जब तक न सफल हो,नींद-चैन को त्यागो तुम,संघर्षों का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम। कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
प्रसिद्ध कविवर सोहन लाल द्विवेदी जी की रचना को चरितार्थ करते हुए सामान्य परिवार की रामगंज कस्बे की निवासी सिमरन साहू नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है,वह अपने घर की तीसरी डॉक्टर बनेगी।सिमरन साहू के पिता राजेंद्र कुमार साहू (मुन्ना) व्यवसाय करते हैं,सिमरन के ताऊ अशोक साहू छत्तीसगढ़ प्रदेश के यूनीवार्ता समाचार एजेंसी के प्रभारी हैं तो चाचा दर्शन साहू आकाशवाणी/दूरदर्शन के जिला संवाददाता है।संयुक्त परिवार में शिक्षा पाने वाली मेधावी सिमरन को परिवार के सभी सदस्यों से सहयोग मिलता है।
सिमरन साहू ने रामगंज जनता इंटर कॉलेज से हिंदी माध्यम से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी,जिसके बाद मेडिकल में प्रवेश के लिए कोटा स्थित एलेन कोचिंग संस्थान में तैयारी कर रही थी,पहले प्रयास में सिमरन को नीट की परीक्षा में 467 अंक मिले थे,दूसरे प्रयास में 605 अंक पाकर वर्ष 2020 में एमबीबीएस में प्रवेश पाने से वंचित रह गई थी,जबकि 605 अंक पाने वाले कई छात्र प्रवेश पाने में सफल भी हो गए थे। इसका कारण यह था कि 605 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों में वरीयता सूची में सिमरन का 21 वां स्थान था,काउंसलिंग के दौरान 19 वे स्थान तक के अभ्यर्थियों के प्रवेश के बाद सरकारी सीटें समाप्त हो गई थी।जिससे परिवार के सदस्यों को निराशा का सामना करना पड़ा था,उसी समय सिमरन ने अपने पूरे आत्मविश्वास के साथ परिजनों से घर पर ही तैयारी करने का एक और अवसर मांगा,और कहा कि वह हर हाल में सरकारी कॉलेज में ही प्रवेश लेगी।
सिमरन ने तीसरे प्रयास में नीट- 2021 की परीक्षा में 627 अंक पाकर अपने सपने को साकार कर लिया,प्रथम काउंसलिंग में सिमरन को सामान्य कोटे में झांसी मेडिकल कॉलेज आवंटित हुआ जहां सिमरन ने प्रवेश लेकर एम बी बी एस की पढ़ाई भी शुरू कर दी है।
एमबीबीएस में प्रवेश पाने वाली सिमरन ने बताया कि उसे डॉक्टर बनने की प्रेरणा अपने भाई डेंटल सर्जन डॉक्टर आलोक साहू व भाभी डॉ प्रियंका से मिली थी,सिमरन ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को यह संदेश दिया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।