
प्रतीकात्मक तस्वीर
मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने तमिलनाडु सरकार से मुआवजे की रकम के लिए संबंधित पुलिस अफसर की सैलरी से हर महीने इंस्टॉलमेंट काटने का आदेश दिया था. हालांकि, डिवीजन बेंच ने इस डिडक्शन पर स्टे लगा दिया. इसी के खिलाफ स्पा वर्कर ने शीर्ष अदालत (Supreme Court) में याचिका दायर की है.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 25, 2021, 12:12 PM IST
दरअसल, हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से मुआवजे की रकम के लिए संबंधित पुलिस अफसर की सैलरी से हर महीने इंस्टॉलमेंट काटने का आदेश दिया था. हालांकि, डिवीजन बेंच ने इस डिडक्शन पर स्टे लगा दिया. इसी के खिलाफ स्पा वर्कर ने याचिका दायर की है.
बताया जा रहा है कि अक्टूबर 2018 में इंस्पेक्टर के नटराजन ने अपनी टीम के साथ छापा मारा था. इसमें कई स्पा वर्कर्स हिरासत में ली गई थीं. इनमें से एक इंडोनेशिया की नागरिक थीं. केडक द्वी नाम की स्पा वर्कर का आरोप है कि उसके पास स्पा सर्विस की वैलिड डिग्री है, फिर भी उसे पुलिस ने अनैतिक तरीके से हिरासत में लिया था.
केडक द्वी का आरोप था कि इसके चलते उसे 26 दिन महिला गृह में रखा गया. इंडोनेशियाई दूतावास के दखल के बाद उसे छोड़ा गया. इन सबसे उसकी गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंचा है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में केडक द्वी की याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है.