
8 दिसंबर को किसानों के भारत बंद का आम जनजीवन पर कितना असर होगा?
Bharat Bandh News: दिल्ली में आजादपुर मंडी (Azadpur Sabzi Mandi) समेत सभी मंडियों के व्यापारियों ने व्यापार बंद करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही ऑल दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट (Auto-Taxi Transport) कांग्रेस यूनियन ने भी ऐलान किया है कि 8 दिसंबर को दिल्ली में ऑटो-टैक्सी नहीं चलेगी. इसके साथ ही ओला (Ola) और उबर (Uber) के ड्राइवर एसोसिएशन ने भी भारत बंद का समर्थन किया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 7, 2020, 7:48 PM IST
8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का कितना होगा असर
दिल्ली बार काउंसिल ने भी किसानों के बंद का समर्थन किया है. 8 दिसंबर को दिल्ली की अदालतों में वकील प्रदर्शन करेंगे. दिल्ली बार काउंसिल का कहना है कि कृषि कानून वकील विरोधी है, क्योंकि इसमें शिकायत अदालत के बजाय एसडीएम के पास दर्ज होगी.

भारत बंद का कई गैरराजनीतिक संगठनों का भी समर्थन मिला है. (Reuters)
कैट का रुख क्या होगा
वहीं, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) दिल्ली ने कहा है कि 8 दिसंबर को देश भर में बाजार एवं ट्रांसपोर्ट खुले रहेंगे. इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट सेक्टर के शिखर संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) ने कहा है कि देश का व्यापार और ट्रांसपोर्ट कल 8 दिसंबर को हो रहे भारत बंद में शामिल नहीं है. कल दिल्ली सहित दश भर के बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे और सामान्य रूप से कारोबारी गतिविधियां चालू रहेंगी.
व्यापारी और ट्रांसपोर्टर्स भारत बंद में शामिल होंगे?
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल एवं ऐटवा के राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप सिंघल एवं अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा है कि भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन अथवा किसान आंदोलन के नेताओं ने कैट अथवा ऐटवा से अपने आंदोलन अथवा भारत बंद के लिए कोई संपर्क नहीं किया है और न ही कोई समर्थन मांगा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली एवं देश भर के व्यापारी एवं ट्रांसपोर्टर्स कल भारत बंद में शामिल नहीं होंगे.

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सोमवार को 12वें दिन भी जारी रहा.
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किसानों के भारत बंद पर राजनीतिक दलों के समर्थन पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है, ‘आम आदमी पार्टी नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है, लेकिन अब वो भारत बंद का समर्थन कर रही है. कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, सपा, बसपा, लेफ्ट, डीएमके, अकाली दल समेत अन्य दलों ने मंडी प्रथा को समाप्त करने की बात कही थी, लेकिन अब एनडीए सरकार ने जब कदम उठा लिया तो ये पार्टियां किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.’