
तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद नताशा नरवाल और देवांगना कलिता. (तस्वीर-ANI)
बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता (Devangna Kalita) और नताशा नरवाल (Natasha Narwal) को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया.
नई दिल्ली. पिंजड़ा तोड़ एक्टिविस्ट नताशा नरवाल (Natasha Narwal) और देवांगना कलिता (Devangna Kalita) को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है. दरअसल बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा देवांगना कालिता और नताशा नरवाल को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट के इन छात्र कार्यकर्ताओं को जमानत देने के दो दिन बाद अदालत ने यह आदेश दिया. इन्हें पिछले साल फरवरी में हिंसा से जुड़े एक मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत मई 2020 में गिरफ्तार किया गया था. इन्हें उनके पते और जमानतदारों से जुड़ी जानकारी पूर्ण ना होने का हवाला देते हुए समय पर जेल से रिहा नहीं किया गया था.
फरवरी 2020 में भड़क गई थी हिंसा
गौरतलब है कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक टकराव का रूप ले लिया था. हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी तथा करीब 200 लोग घायल हो गए थे. इन तीनों पर इनका मुख्य ‘‘साजिशकर्ता’’ होने का आरोप है.नताशा नरवाल, आसिफ इकबाल तन्हा और देवांगना कालिता को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से सुनाए गए फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. हाईकोर्ट ने बीते मंगलवार को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस अनूप जे भंभानी की बेंच ने यह फैसला सुनाया था.