गोरखपुर कनेक्शन के कारण डी.जी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के कृपा से जिले में बीएसए बनी हैं दीपिका चतुर्वेदी
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सुलतानपुर।
जिले में तैनात जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी शिक्षक नेताओं, सत्ता पक्ष के नेताओं व अन्य विपक्षी दलों के नेताओं का फोन नहीं उठाती हैं। ऐसा नहीं है कि लोग उनके निजी नंबर जानकर उनको फोन कर रहे हैं। जो भी फोन किया जाता है वह शासन की ओर से मिला सीयूजी नंबर पर करते हैं। लेकिन जनपद में आम चर्चा है कि शासन के सख्ती के बाद भी बीएसए सीयूजी फोन नहीं उठाती हैं। लोग इसके पीछे का तर्क देते हैं कि उनके गोरखपुर कनेक्शन के कारण बीएसए मनमानी है। चर्चा हैं कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी का मायका मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर है । वहीं पर डीजी स्कूल शिक्षा बनने के पहले विजय किरण आनंद जिलाधिकारी थे। योगी टू के सरकार में मुख्यमंत्री ने उन्हें फिर से महा निदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश बनाया योगी टू के कार्यकाल में दीपिका चतुर्वेदी को सुल्तानपुर का बीएसए बनाया गया। जानकारों का कहना है कि दीपिका चतुर्वेदी ने डीजे स्कूल शिक्षा के माध्यम से और अपने माएके वालों के कारण सुल्तानपुर जिले में बीएससी का पद हासिल किया है। बताते हैं कि दीपिका चतुर्वेदी की ससुराल जनपद अंबेडकरनगर जिले में है। जिला अधिकारी रवीश गुप्त भी देवरिया के निवासी हैं। चर्चा है कि उनके पड़ोस के जनपद के होने के नाते उनका भी कनेक्शन कहीं ना कहीं बीएसए के प्रति माना जा रहा है। यही कारण है कि बीएसए के खिलाफ जो भी शिकायतें होती हैं ना तो उसे जिलाधिकारी रवीश गुप्ता संज्ञान में लेते हैं और ना ही मुख्य विकास अधिकारी की ओर से ही एक्शन लिया जाता है।
बीएसए दीपिका चतुर्वेदी की जिले में तैनाती के समय से परिषदीय शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है । विभागीय जानकारों का कहना है कि जनपद में तैनाती के बाद से बीएसए ने किसी भी ब्लॉक वह स्कूल का निरीक्षण नहीं किया ।उनका लखनऊ आना जाना अधिक लगा रहता है। विभागीय कार्यों को भी अमली जामा पहनाने में काफी उदासीन है । आए दिन उनके बारे में शिकायतें आती रहती हैं कि वह नेताओं, जनप्रतिनिधियों और शिक्षकों का फोन नहीं उठाती हैं। जनता दर्शन में भी समय से ऑफिस नही पहुंचती हैं।
बीएसए सांसद की नाराजगी की जिले में चर्चा
लोकप्रिय सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय मेनका गांधी का शिक्षक दिवस पर पंडित राम नरेश त्रिपाठी सभागार में कार्यक्रम था। उन्होंने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से आयोजित रिटायर शिक्षक सम्मान समारोह में पहुंचकर रिटायर शिक्षकों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका चतुर्वेदी आमंत्रित थी।ऐसा नहीं है कि संगठन ने बिना उनकी मर्जी के उनका नाम लिख दिया था। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी थी। इसके बाद भी सांसद के पहुंचने के बाद बीएसए कार्यक्रम में नहीं गई। सांसद के जाने के बाद भी वह कार्यक्रम में जाने का समय नहीं निकाल सके। बताया जाता है कि उसके पहले दीपिका चतुर्वेदी जिलाधिकारी रवीश गुप्त के साथ कलेक्ट्रेट में शिक्षकों को सम्मानित करने में लगी थीं। हालाकि यह कार्यक्रम सांसद के कार्यक्रम में पहुंचने के पहले संपन्न हो चुका था। चर्चा है कि इस बात को लेकर सांसद बीएसए से नाराज हैं। हालांकि खुले तौर पर उन्होंने बीएसए के खिलाफ कुछ नहीं कहा,लेकिन चर्चा है कि मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स से उन्होंने गहरी नाराजगी जताई । साथ में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की दुर्दशा की जांच कराने के लिए सीडीओ से कहा। सांसद के जाने के बाद गुरुवार की रात 9:00 बजे मुख्य विकास अधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों की टीम गठित कर जिले के 11 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की जांच कराई। जांच में बड़ी खामियां निकलकर सामने आई। कई विद्यालयों में वार्डन लापतारही। कई जगहों पर उपस्थित छात्र संख्या के हिसाब से छात्राएं मौजूद नहीं थी । भोजन घटिया किस्म का पाया गया।साफ सफाई ठीक नहीं मिली। इसके बाद भी जिला प्रशासन की ओर से केजीबी में मिली खामियों ढकने का प्रयास किया जा रहा है ।बेसिक शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं की बीएसए डीजी स्कूल शिक्षा के करीबी हैं। सत्ता में पकड़ बनाकर अपने मनमानी तरीके से कार्य कर रही हैं।