#निर्दोष ब्यक्ति को जेल भेजने वाले इंस्पेक्टर राजकिशोर जो जनपद प्रतापगढ़ के कई थानों और पुलिस चौकियों में इंचार्ज रहे। राजकिशोर कोतवाली नगर में एसएसआई भी रहे। आज उन्हें थाना बाघराय में वर्ष-2017 में दर्ज एक पॉस्को एक्ट के प्रकरण में प्रतापगढ़ की अदालत ने उन्हें जेल भेजने का फरमान सुना दिया…!!!
#जमानत अर्जी खारिज होने के बाद इंस्पेक्टर राजकिशोर के अधिवक्ता ने अंतिम दाँव चलते हुए उनके स्वास्थ्य का हवाला दिया और बताया कि इंस्पेक्टर राजकिशोर हर्ट रोगी हैं। फिर भी अदालत ने किसी दलील को स्वीकार नहीं किया और जेल भेजने का हुक्म दे दिया। आजकल मुकदमों की विचेचना करने वाले विवेचनाधिकारी अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल करते हैं…!!!
#मुक़दमें की विवेचना में धनार्जन के चक्कर में विवेचनाधिकारी उल्टी सीधी विवेचना करते हैं। कई विवेचक तो विवेचना की केस डायरी ही गायब कर देते हैं। जगलर किस्म के विवेचक जो घाघ किस्म के होते हैं, वह केस डायरी को अपने पिता की जागीर समझते हैं। माननीय अदालतें ऐसे ही विवेचकों को दण्ड देती रही तो विवेचकों की कार्यशैली में निश्चित बदलाव होगा…!!!