
प्रताप भानु ने दिया इस्तीफा. (File pic)
दो साल पहले प्रताप भानु मेहता (Pratap Bhanu Mehta) यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद से भी इस्तीफा दे चुके थे. फैकल्टी मेंबर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में बहुत योगदान दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी से यह पूछा गया कि प्रताप भानु मेहता की ओर से सरकार की आलोचना करने और उनके इस्तीफा देने के बीच कुछ संबंध तो नहीं है. लेकिन यूनिवर्सिटी ने इस सवाल से खुद को अलग कर लिया.
हालांकि एक प्रवक्ता ने उनके इस्तीफे की पुष्टि की और कहा कि कुलपति और फैकल्टी मेंबर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में बहुत योगदान दिया है. अशोका विश्वविद्यालय उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है. विश्वविद्यालय की गवर्निंग बॉडी के पांच सदस्यों में से भी मेहता के बाहर निकलने के संबंध में कुछ सवालों को भी भेजा गया. इस गवर्निंग बॉडी में वाइस चांसलर मालाबिका सरकार, चांसलर रुद्रांशु मुखर्जी, बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष आशीष धवन, संस्थापक और ट्रस्टी विनीत गुप्ता व संस्थापक प्रमथ राज सिन्हा शामिल हैं.
सवालों के जवाब में रुद्रांशु मुखर्जी ने कहा कि चांसलर के रूप में वह विश्वविद्यालय के प्रबंधन के साथ काम नहीं करते हैं. अन्य ने सवालों के जवाब नहीं दिए. हालांकि बाद में संपर्क किया गया तो प्रताप भानु मेहता ने अपने इस्तीफे की पुष्टि कर दी. लेकिन कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
ऑक्सफोर्ड और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट प्रताप भानु मेहता ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, जेएनयू और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में पढ़ाया भी है.