
प्रधानमंत्री ने पुस्तिका के हिंदी संस्करण के पृष्ठों की तस्वीरें ट्विटर पर साझा कीं. (फाइल फोटो)
Farmer Agitation: प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) द्वारा किसानों को लिखे गए खुले पत्र के अंग्रेजी संस्करण को भी टैग किया और उसे पढ़ने को कहा
प्रधानमंत्री ने पुस्तिका के हिंदी संस्करण के पृष्ठों की तस्वीरें ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, ‘इस पुस्तिका में ग्राफिक्स और बुकलेट समेत ढेर सारी चीजें हैं, जिनके जरिये यह समझाया गया है कि हाल ही में लाए गए कृषि सुधार हमारे किसानों के लिए किस प्रकार लाभकारी हैं. ये नमो ऐप के वॉलंटियर मॉड्यूल के यॉर वॉइस और डाउनलोड सेक्शन में मिल सकते हैं. इसे पढ़ें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.’
There is a lot of content, including graphics and booklets that elaborate on how the recent Agro-reforms help our farmers. It can be found on the NaMo App Volunteer Module’s Your Voice and Downloads sections. Read and share widely. https://t.co/TYuxNNJfIf pic.twitter.com/BHfE4F410k
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2020
बाद में, उन्होंने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) द्वारा किसानों को लिखे गए खुले पत्र के अंग्रेजी संस्करण को भी टैग किया और उसे पढ़ने को कहा. मोदी ने कहा कि पत्र में कृषि सुधारों से संबंधित विभिन्न पहलुओं के साथ ही यह भी विस्तार से बताया गया है कि यह किस प्रकार किसानों को फायदा पहुंचाएगा. ये भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला पर ED की कार्रवाई, भ्रष्टाचार केस में 12 करोड़ की संपत्ति जब्त
तोमर ने गुरुवार को लिखा था किसानों के नाम पत्र
तोमर ने गुरुवार को किसानों को आठ पृष्ठों का एक खुला पत्र लिखा था. पत्र में उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि नए कृषि कानूनों का मकसद छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाना है.
गौरतलब है कि हजारों किसान कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020, और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
तीन केन्द्रीय मंत्रियों और 40 किसान यूनियनों के बीच अब तक कम से कम पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है. किसान संगठन केंद्रीय कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था के साथ ही मंडी प्रणाली समाप्त हो जाएगी.
पिछले हफ्ते केंद्र ने इन यूनियनों को प्रस्ताव भेजा था जिसमें कहा गया था कि वह लिखित आश्वासन देगी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली बनी रहेगी और किसानों की अन्य प्रमुख चिंताओं का भी निवारण करेगी. लेकिन इसके बाद भी गतिरोध दूर नहीं हो सका.