यहां पढ़ें India@75 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का Live Updates
अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के लिए अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत अहमदाबाद से दांडी तक की पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई.

81 लोगों को दांडी यात्रा के लिए रवाना करते पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे युवा, हमारे scholars ये ज़िम्मेदारी उठाएँ कि वो हमारे स्वाधीनता सेनानियों के इतिहास लेखन में देश के प्रयासों को पूरा करेंगे। आज़ादी के आंदोलन में और उसके बाद हमारे समाज की जो उपलब्धियां रही हैं, उन्हें दुनिया के सामने और प्रखरता से लाएँ. पीएम ने कहा कि मैं कला-साहित्य, नाट्य जगत, फिल्म जगत और डिजिटल इंटरनेटनमेंट से जुड़े लोगों से भी आग्रह करूंगा, कितनी ही अद्वितीय कहानियाँ हमारे अतीत में बिखरी पड़ी हैं, इन्हें तलाशिए, इन्हें जीवंत कीजिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है. मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी भारत की उपल्धियां आज सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं.हम भारतीय चाहे देश में रहे हों, या फिर विदेश में, हमने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है. हमें गर्व है हमारे संविधान पर. हमें गर्व है हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं पर. लोकतंत्र की जननी भारत, आज भी लोकतंत्र को मजबूती देते हुए आगे बढ़ रहा है: भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है.
पीएम ने कहा कि अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आज़ाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है. अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतन्त्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है. जालियाँवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है. बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है.
मोदी ने कहा कि देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले छह सालों से सजग प्रयास कर रहा है. हर राज्य, हर क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था. मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का अवसर मिला था.
पीएम ने कहा कि लोकमान्य तिलक के ‘पूर्ण स्वराज’ ‘आज़ाद हिंद फ़ौज के’ दिल्ली चलो ‘, भारत छोड़ो आंदोलन के आह्वान को देश कभी नहीं भूल सकता … हम मंगल पांडे, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मी बाई, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, पं।.नेहरू,सरदार पटेल, अंबेडकर से प्रेरणा लेते हैं.
पीएम ने कहा कि देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए. याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुये भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी. 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था.झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों को चुनौती दी थी, तो मुर्मू भाइयों ने संथाल आंदोलन का नेतृत्व किया. ओडिशा में चक्रा बिसोई ने लड़ाई छेड़ी, तो लक्ष्मण नायक ने गांधीवादी तरीकों से चेतना फैलाई.आंध्र प्रदेश में मण्यम वीरुडु यानी जंगलों के हीरो अल्लूरी सीराराम राजू ने रम्पा आंदोलन का बिगुल फूंका.
पीएम ने कहा कि पासल्था खुन्गचेरा ने मिज़ोरम की पहाड़ियों में अंग्रेज़ो से लोहा लिया.गोमधर कोंवर, लसित बोरफुकन और सीरत सिंग जैसे असम और पूर्वोत्तर के अनेकों स्वाधीनता सेनानी थे जिन्होंने देश की आज़ादी में योगदान दिया है. गुजरात में जांबूघोड़ा में नायक आदिवासियों का बलिदान हो, मानगढ़ में सैकड़ों आदिवासियों का नरससंहार हो, देश इनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा.
पीएम ने कहा कि देश के कोने कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए. याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को,
अंग्रेजों ने उस नौजवान को सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुये भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया.
पीएम ने कहा कि आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था. एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी.
पीएम ने कहा कि किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है. फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है.
पीएम ने कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उस दौर में नमक भारत की आत्मनिर्भरता का एक प्रतीक था. अंग्रेजों ने भारत के मूल्यों के साथ साथ इस आत्मनिर्भरता पर भी चोट की. भारत के लोगों को इंग्लैंड से आने वाले नमक पर निर्भर हो जाना पड़ा. गांधी जी ने देश के इस पुराने दर्द को समझा, जन-जन से जुड़ी उस नब्ज को पकड़ा. और देखते ही देखते ये आंदोलन हर एक भारतीय का आंदोलन बन गया, हर एक भारतीय का संकल्प बन गया.
हमारे यहाँ नमक का मतलब है- ईमानदारी- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आँका गया. हमारे यहाँ नमक का मतलब है- ईमानदारी. हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास. हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी.हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है. ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है. ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहाँ श्रम और समानता का प्रतीक है.
पीएम ने कहा कि जब हम ब्रिटिश शासन के युग के बारे में सोचते हैं जब करोड़ों लोग स्वतंत्रता का इंतजार कर रहे थे तो यह स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उत्सव को और भी महत्वपूर्ण बना देता है.
पीएम ने कहा कि Freedom Struggle, Ideas at 75, Achievements at 75, Actions at 75 और Resolves at 75 ये पांचों स्तम्भ आज़ादी की लड़ाई के साथ साथ आज़ाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे.
पीएम ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी- आज़ादी की ऊर्जा का अमृत. आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत. आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत. नए संकल्पों का अमृत. आज़ादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत है.
पीएम ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि हम आजाद भारत के इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं. आज दांडी यात्रा यात्रा की वर्षगांठ पर हम बापू की इस कर्म स्थली पर इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे हैं.
आज आजादी के अमृत महोत्सव का पहला दिन- पीएम
पीएम ने कहा कि मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ. मैं देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आपको आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में नमन करता हूँ, उनका कोटि-कोटि वंदन करता हूँ.
पीएम ने कहा कि आज जब मैं सुबह दिल्ली से निकला तो, बहुत ही अद्भुत संयोग हुआ. अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद भी दिया.
प्रधानमंत्री ने एक संबोधन में कहा कि आज आजादी के अमृत महोत्सव का पहला दिन है. अमृत महोत्सव, 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पूर्व शुरू हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा.
आजादी के 75 साल पूरे होने पर आयोजित ‘अमृत महोत्सव’ में मध्य प्रदेश सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘यह सिखाया गया था कि केवल कुछ लोगों ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की, लेकिन कई महान नेताओं को इतिहास की पुस्तकों से बाहर रखा गया. राज्य में 30,000 से अधिक शहीदों के लिए युद्ध स्मारक स्थापित किए जाएंगे.’
कार्यक्रम में मौजूद अनुपम खेर ने कहा कि यह उन लोगों को धन्यवाद देने का दिन है जिनके कारण हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं. यह याद करने का समय है कि स्वतंत्रता को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए, लोगों ने इसे बनाने के लिए अपनी जान दे दी.
गुजरात: अहमदाबाद में अभय घाट के पास सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहा है.
#WATCH Gujarat: Cultural performances underway near Abhay Ghat in Ahmedabad. PM Narendra Modi will flag off the Dandi March from here today, as part of the Amrit Mahotsav programme to mark the 75 years of India’s independence. pic.twitter.com/7J5XnWz7ER
— ANI (@ANI) March 12, 2021
अहमदाबाद, गुजरात में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में समारोह का एक वीडियो-
#WATCH Celebrations as part of ‘Azadi ka Amrit Mahotsav’ underway at Ahmedabad, Gujarat pic.twitter.com/S51d3J9lIk
— ANI (@ANI) March 12, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद, गुजरात में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ वेबसाइट लॉन्च की
भारत की आजादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में एक शॉर्ट फिल्म की स्क्रीनिंग हुई.
इससे पहले पीएम साबरमती पहुंचे और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
इस दौरान मोदी अहमदाबाद में अभय घाट पर अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत एक विशेष प्रदर्शनी में चित्रों, पत्रिकाओं और अन्य संग्रह को देखा. इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी मौजूद रहे.
आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला है.
241 मील की यह यात्रा 25 दिन में पांच अप्रैल को समाप्त
प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नवसारी में दांडी तक जाने वाले 81 पदयात्रियों को झंडी दिखाकर रवाना किया. लगभग 241 मील की यह यात्रा 25 दिन में पांच अप्रैल को समाप्त होगी. दांडी के रास्ते में विभिन्न समूहों के लोग पदयात्रा में शामिल होंगे. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल 75 किलोमीटर की पदयात्रा के पहले चरण का नेतृत्व करेंगे.
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में नीतियों और योजनाओं को तैयार करने के लिए गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन समिति बनाई गई है. प्रधानमंत्री ने जिन कार्यक्रमों का उद्घाटन किया उनमें आजादी के 75 वर्ष पर आधारित फिल्म, वेबसाइट, गायन, आत्मनिर्भर चरखा तथा आत्मनिर्भर इन्क्यूबेटर शामिल हैं.