नई दिल्ली. केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की मतगणना को लेकर अपने निर्देश में कहा है कि किसी भी उम्मीदवार और एजेंट को बिना आरटी-पीसीआर/RAT टेस्ट के काउंटिंग हाल में घुसने की इजाजत नहीं होगी या फिर उम्मीदवार और एजेंट ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले रखी हो. चुनाव आयोग के दिशानिर्देश के मुताबिक प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट या टीके की दोनों खुराक लेने का प्रमाण पत्र दिखाकर ही मतगणना केंद्र के भीतर जा सकेंगे. अधिकारियों ने कहा, ‘‘हमनें राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों से प्रतिनिधियों की सूची कोविड-19 जांच रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र के साथ देने को कहा है. उन्हें सुरक्षा मानकों को पूरा करने पर ही प्रवेश दिया जाएगा.’’ उन्होंने बताया कि सभी जिलों के प्रशासन को आदेश जारी किया गया है कि वे मतगणना केंद्रों के बाहर भीड़ जमा होने से रोकें और इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें. चुनाव आयोग ने हाल ही में पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों की रविवार को होने वाली मतगण्ना के लिए विस्तृत तैयारी की है. साथ ही कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्वास्थ्य नियमों एवं सामाजिक दूरी का कड़ाई से अनुपालन हो. अदालत ने हाल ही में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मतदान कराए जाने को लेकर चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी. ऐसे में कोविड-19 बचाव संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन करने के चलते 822 विधानसभा सीटों के लिए 2,364 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं जबकि 2016 की मतगणना के दौरान इनकी संख्या 1,002 थी. 15 बार किया जाएगा सेनेटाइज अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र पर कम से कम 15 बार सेनेटाइज करने का काम किया जाएगा और इस दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का संख्ती से अनुपालन करने के साथ ही भीड़ एकत्र करने पर रोक रहेगी. उन्होंने बताया कि मतगणना सुबह आठ बजे शुरू होगी, जो देर रात तक जारी रह सकती है. अधिकारियों ने बताया कि मतगणना प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी ईवीएम और वीवीपैट को विषाणु मुक्त किया जाएगा.एक हॉल में लगेगी सात सीटें उन्होंने बताया, ‘‘मतगणना प्रक्रिया में शामिल लोगों के लिए केंद्र के बाहर मास्क, फेस शील्ड और सैनिटाइजर रखे होंगे. प्रत्येक केंद्र को मतगणना के दौरान कम से कम 15 बार विषाणु मुक्त किया जाएगा. हमने इसके लिए विशेष व्यवस्था की है.’’ चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए मेजों को ऐसे लगाने का फैसला किया है जिससे सामाजिक दूरी का अनुपालन किया जा सके. अधिकारियों ने कहा, ‘‘एक कक्ष में मतगणना के लिए सात से अधिक मेजें नहीं होंगी, जबकि पहले यह संख्या 14 होती थी. अधिक संख्या में मेजें वहां लगाई जाएंगी, जहां पर जगह की कमी नहीं हो.’’ केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों की तैनाती
उधर, पश्चिम बंगाल में 108 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है, जहां बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन और वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. उन्होंने बताया कि 23 जिलों में फैले मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है. पश्चिम बंगाल विधानभा की 294 सीटों के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराए गए हैं. इस बीच, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनावों के लिए रविवार को कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राजनीतिक दलों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार है. केरल में 957 उम्मीदवार मैदान में केरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम्मन चांडी, भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं. सभी एक्जिट पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जीत का अनुमान जताया गया है लेकिन विपक्षी यूडीएफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी है. तमिलनाडु में किसकी सरकार तमिलनाडु में अभिनेता-नेता कमल हासन के मक्कल निधी मैयम सहित चार गठबंधन मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच है. मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन, अम्मा मक्काल मुनेत्र कझगम के प्रमुख टीटीवी दिनाकरण, एमएनएम के हसन और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख एल. मुरूगन सहित करीब 4000 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव 234 विधानसभा सीटों पर हुए. कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ था, जहां कांग्रेस के विजय वसंत और भाजपा के पोन राधाकृष्णन के बीच मुख्य मुकाबला है. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है. एक्जिट पोल में रंगास्वामी नीत मोर्चे की जीत की संभावना जताई गई है. केंद्र शासित प्रदेश में वोटों की गिनती के लिए 1382 कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि करीब 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात होंगे. विजय जुलूस पर EC की रोक वहीं, असम में 331 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के त्रिस्तरीय इतंजाम किए गए हैं. राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान हुआ था. असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुताबिक, मतगणना प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले करीब 35,000 मतगणना अधिकारी तथा उम्मीदवार के प्रतिनिधियों ने 30 अप्रैल को कोविड-19 जांच कराई है. इसके अलावा, 13 राज्यों में 13 विधानसभा सीटों एवं चार लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव की भी मतगणना दो मई को होगी. चुनाव आयोग ने विजय जुलूस निकालने और रोड शो करने पर रोक लगा दी है.
उधर, पश्चिम बंगाल में 108 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की तीन स्तरीय व्यवस्था की गई है, जहां बने स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीन और वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. उन्होंने बताया कि 23 जिलों में फैले मतगणना केंद्रों पर कम से कम 292 पर्यवेक्षकों और केंद्रीय सुरक्षा बलों की 256 कंपनियों को तैनात किया गया है. पश्चिम बंगाल विधानभा की 294 सीटों के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान कराए गए हैं. इस बीच, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में छह अप्रैल को हुए विधानसभा चुनावों के लिए रविवार को कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत मतगणना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राजनीतिक दलों को परिणाम का बेसब्री से इंतजार है. केरल में 957 उम्मीदवार मैदान में केरल में 140 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी कैबिनेट के 11 सदस्य, विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओम्मन चांडी, भाजपा के राज्य इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन, ‘मेट्रोमैन’ ई. श्रीधरन और पूर्व केंद्रीय मंत्री के जे अलफोंस सहित 957 उम्मीदवार मैदान में हैं. सभी एक्जिट पोल और चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए जीत का अनुमान जताया गया है लेकिन विपक्षी यूडीएफ ने उम्मीद नहीं छोड़ी है. तमिलनाडु में किसकी सरकार तमिलनाडु में अभिनेता-नेता कमल हासन के मक्कल निधी मैयम सहित चार गठबंधन मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और मुख्य विपक्षी द्रमुक के बीच है. मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन, अम्मा मक्काल मुनेत्र कझगम के प्रमुख टीटीवी दिनाकरण, एमएनएम के हसन और भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख एल. मुरूगन सहित करीब 4000 उम्मीदवार मैदान में हैं. चुनाव 234 विधानसभा सीटों पर हुए. कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव इसके अलावा कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर उपचुनाव भी हुआ था, जहां कांग्रेस के विजय वसंत और भाजपा के पोन राधाकृष्णन के बीच मुख्य मुकाबला है. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एन. रंगास्वामी नीत ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है. एक्जिट पोल में रंगास्वामी नीत मोर्चे की जीत की संभावना जताई गई है. केंद्र शासित प्रदेश में वोटों की गिनती के लिए 1382 कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि करीब 400 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात होंगे. विजय जुलूस पर EC की रोक वहीं, असम में 331 मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के त्रिस्तरीय इतंजाम किए गए हैं. राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान हुआ था. असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुताबिक, मतगणना प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले करीब 35,000 मतगणना अधिकारी तथा उम्मीदवार के प्रतिनिधियों ने 30 अप्रैल को कोविड-19 जांच कराई है. इसके अलावा, 13 राज्यों में 13 विधानसभा सीटों एवं चार लोकसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव की भी मतगणना दो मई को होगी. चुनाव आयोग ने विजय जुलूस निकालने और रोड शो करने पर रोक लगा दी है.