
वाराणसी। कहा जाता है कि रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन बाबा मध्यान में स्नान करने के बाद मणिकार्णिका तीर्थ जाते हैं एवं प्रिय गणों के साथ मणिकार्णिका महामसान पर आकर चिता भस्म की होली खेलते हैं इस परंपरा को जीवित करने का काम बाबा महासमसान नाथ मंदिर के व्यवस्थापक गुलशन कपूर ने 21 वर्षों से करते चले आ रहे हैं ।महाभस्म होली को देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग एकत्रित होते हैं लोगों की मान्यता है की रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती का गवना(विदाई) करा कर के इसी दिन काशी अपने धाम लाए थे ।
