महिला आरक्षी ने कोतवाल राम आशीष उपाध्याय पर , आरोपी इंस्पेक्टर को संरक्षण देने के लगाए गम्भीर आरोप
सुल्तानपुर । उत्तर प्रदेश सरकार के ब्यूरोक्रेसी में तैनाती के दौरान रहने वाले तमाम अफसरानों को भले से मनचाही तैनाती मिल गई हो , लेकिन योगी सरकार की किरकिरी कराने में उच्चाधिकारियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और जमकर योगी जी की सरकार से जुड़े मामले की खाकीधारियों से ही जुड़ा है । वह भी कोई मामूली नहीं दाग तो अच्छे होते हैं लेकिन दाग खाकी पर ही लगे वह भी खाकीधारियों पर ही जो की एक भारसाधक अधिकारी हो यह सही नहीं । बात उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद की है यहां पर एसओ हलियापुर के पोस्टिंग पर तैनाती के दरमियान थानाध्यक्ष रहे सब इंस्पेक्टर नीशू तोमर ने थाने पर ही तैनात रहने वाली महिला कांस्टेबल के साथ विवाह विच्छेदन को लेकर के आनाकानी शुरू किए । व मामला शारीरिक संबंधों को बनाने की नियत व यौन शौषण तक जा पहुंचा । जिसकी वीडियो फुटेज भी महिला सिपाही के साथ बनाई गई , जिसकी पुष्टि महिला कांस्टेबल ने स्वयं किया है । जो कि सुल्तानपुर पुलिस कार्यालय के आईजीआरएस तेल में तैनात है । महिला कांस्टेबल के शिकायती पत्र की माने तो पीड़िता ने प्रकरण की शिकायत अयोध्या परिक्षेत्र के आईजी रहे कविंद्र सिंह से आपबीती सुनाई थी । जोकि कागजी कार्यवाही में लिखा पढ़ी के तौर पर दर्ज है । वहीं दूसरी तरफ तत्कालीन अयोध्या परिक्षेत्र के आईजी ने महिला आरक्षी की शिकायत पर जांच कराई तो मामला चौंकाने वाला निकला है । लेकिन एक आईपीएस के जांच रिपोर्ट पर सुल्तानपुर के मौजूदा नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय भारी पड़ते नजर आ रहे हैं । बताते चलें कि जांच रिपोर्ट में एसपी ग्रामीण अयोध्या ने पीड़ित महिला कांस्टेबल की शिकायत की जब जांच की तो मामले में आरोपी इंस्पेक्टर नीतू तोमर दोष सिद्ध पाए गए । जिसके बाद सुल्तानपुर जनपद के नगर कोतवाली थाना क्षेत्र में एफआईआर पीड़ित महिला कांस्टेबल की दर्ज की गई है । लेकिन एक आईपीएस की रिपोर्ट पर नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय भारी पड़ते नजर आ रहे हैं । सूत्रों की मानें तो जिसकी बातें सुल्तानपुर पुलिस के जवानों द्वारा कहीं जा रही है , क्योंकि मामला समकक्ष के द्वारा है । नहीं तो बलात्कार जैसे संगीन अपराधों में सनलिप्त रहने वाले लोगों की गिरफ्तारी का डोजियर जी अभी शासन स्तर पर मॉनिटर होता है । लेकिन दाग अच्छे हैं परन्तु खाकी पर नहीं । बताते चलें कि बीते दिनों नगर कोतवाल रहे राम आशीष उपाध्याय पर भी सवालिया निशान लगे हैं । जोकि किसी जनप्रतिनिधि व आम शहरवासियों के द्वारा नहीं बल्कि सुल्तानपुर जनपद के न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा पॉक्सो एक्ट के मुकदमे में विवेचना के दौरान अनियमितता बरतने के लिए अदालत द्वारा नोटिस जारी की गई , जिसके बाद कोतवाल को न्यायपालिका के चक्कर लगाने पड़े और मामला जब तूल पकड़ा था तो कोतवाल साहब हाथ पैर पकड़ते नजर आए । लेकिन देखना तो यह दिलचस्प होगा कि आखिरकार इंस्पेक्टर राम आशीष उपाध्याय महिला कांस्टेबल के द्वारा आरोपित बनाए गए इंस्पेक्टर नीशू तोमर को कब तक बचाते नजर आएंगे । एक बात तो तय है कि कहीं ना कहीं पुलिसिंग में छेद दिखता नजर आ रहा है , एक आईपीएस की जांच के दौरान आरोपी इंस्पेक्टर नीशू तोमर को जांच के दरमियान दोषी करार दिया है । तो वहीं दूसरी तरफ मामले के विवेचक व नगर कोतवाल इस मामले पर आरोपित इंस्पेक्टर नीशू तोमर की गिरफ्तारी से परहेज करते नजर आ रहे ।