रामगढ बनकटवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन बुधवार को आयोध्या से आए कथा व्यास प्रदीप शास्त्री जी महाराज ने कथा का रसपान कराया। व्यासपीठ से कहा कि सर्वेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज में अनेकानेक बाल लीलाएं कीं, जो वात्सल्य भाव के उपासकों के चित्त को अनायास ही आकर्षित करती हैं। जो भक्तों के पापों का हरण कर लेते हैं, वही हरि हैं।
कथा व्यास ने कहा कि नंदालय में गोपियों का तांता लगा रहता है। हर गोपी भगवान से प्रार्थना करती है कि किसी न किसी बहाने कन्हैया मेरे घर पधारें। जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन्मुक्त है। एक बार माखन चोरी करते समय मैया यशोदा आ गईं तो कन्हैया ने कहा कि मैया तुमने इतने मणिमय आभूषण पहना दिए हैं जिससे मेरे हाथ गर्म हो गए हैं तो माखन की हांडी में हाथ डालकर इन हाथों को शीतलता प्रदान कर रहा हूं। इस भाव को सुन कर श्रोता आनंदित हो गए कथा के यजमान अंशधर द्विवेदी आयोजक विजय धर द्विवेदी एडवोकेट आये हुए अतिथियों का स्वागत किये इस मौके नीतेश द्विवेदी , बद्री प्रसाद दुबे , रामप्यारे दुबे , महेंद्र शुक्ल आदि लोग मौजूद थे
