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फैजान ने बताया कि गांधीजी लगभग 3 बार फरंगी महल में रुके.
मौलाना बारी के वंशज फैजान अली ने बताया कि उनके पास गांधी जी (Mahatma Gandhi) द्वारा भेजे गए मूल टेलीग्राम मौजूद भी हैं. उन्होंने इसी काफी संभालकर रखा है.
आज अब्दुल बारी के तीसरी पीढ़ी इस मकान में रहती है जो महात्मा गांधी के उस कमरे को दिखाकर भावुक हो जाती है जिसमें महात्मा गांधी रहा करते थे. अब्दुल बारी के नवासे फैजान अली जो घर का देखरेख करते हैं उन्होंने आज भी इस गांधीजी के कमरे को संभाल कर रखा है. मौलाना बारी के वंशज फैजान अली के मुताबिक आज भी उनके पास गांधी जी द्वारा भेजे गए मूल टेलीग्राम मौजूद हैं. फैजान बताते हैं कि हमने उन टेलीग्राम को बहुत कायदे से संभाल कर रखा है.
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3 बार रुके फिरंगी महल मेंफैजान ने बताया कि गांधीजी लगभग 3 बार फरंगी महल में रुके. फैजान ने हमें वह कमरा भी दिखाया जहां पर गांधीजी रुका करते थे. एक छोटे से कमरे में जहां धन्नी की छत पड़ी थी वहां गांधी जी की यादों को संजो कर रखा गया है. फैजान बताते है कि हमारे नाना हमें बताते थे कि गांधी जी जब भी यहां आते थे उनके साथ हमेशा एक बकरी होती थी, जिसे कमरे के बाहर लगे एक पेड़ से बांध कर रखा जाता था. फैजान ने बताया कि गांधी जी के लिए हमारे पर नाना मौलाना बारी एक खास रसोइए का भी इंतिज़ाम करते थे जो गांधी जी के लिए शुद्ध वेजिटेरियन खाना बनाया करते थे. गांधी जी हमेशा बकरी का दूध पीते थे. हालांकि इमारत बहुत जर्जर हो चुकी है, लेकिन फिर भी जैसे-तैसे परिवार वाले गांधी जी की इस अमानत को संभाल कर रखे हैं.
फैजान इस बात को भी कहते हैं कि जब हमारा घर हेरिटेज जोन में आया तो कई बार हमें गांधी जी के इस कमरे को हेरिटेज बनाने का ऑफर सरकार की तरफ से दिया गया लेकिन हमने किसी भी सरकारी मदद को लेने से मना कर दिया. असल में हम अपनी अपने परिवार की गांधी जी के साथ यादों को खुद संभाल कर रखना चाहते थे. फैजान गांधी जी के बारे में बताते हुए यादों में खो जाते हैं. वो कहते हैं कि हमारे नाना हम लोगों को यह समझाते थे कि किस तरह लखनऊ में आजादी की लड़ाई के दौरान फरंगी महल ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जब आजादी की लड़ाई के लिए अब्दुल बारी फरंगी महली को कहा तो उन्होंने मुसलमानों से जकात के पैसे को देने की बात कही. इसके बाद उन पैसों से आजादी की लड़ाई लड़ी गई. फैजान ने बताया कि सिर्फ गांधी जी ही नहीं जवाहर लाल नेहरू समेत तमाम नेता यहां फरंगी महल में आते रहते थे. मकान पुराना होने के बावजूद फैजान और उनका परिवार आज भी गांधी जी की यादों को संजोए हुए है.
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