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वाराणसीएक घंटा पहले
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मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर पड़ी संतोष रावत की बाइक।
वाराणसी के लौटूबीर क्षेत्र में शुक्रवार की रात मुठभेड़ में घायल हुए बदमाश संतोष रावत के बारें में पुलिस को कुछ अहम जानकारियां मिली हैं। उसका आपराधिक इतिहास जानने के बाद अधिकारी हैरान हैं।पता चला है कि संतोष प्रयागराज के धूमनगंज का रहने वाला है। उसके खिलाफ 40 मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें से 23 मुकदमे लूट के हैं। जो वर्ष 2017 से 2019 के बीच प्रयागराज के कर्नलगंज, जार्जटाउन, सिविल लाइन, शिवकुटी, कैंट और दारागंज थाने में दर्ज किए गए थे।
वहीं,संतोष के साथ मुठभेड़ में घायल हुए प्रयागराज के राजापुर निवासी पवन के खिलाफ आबकारी अधिनयम और एससी-एसटी एक्ट के तहत मात्र दो मुकदमे दर्ज हैं। दोनों को शनिवार को अदालत में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

दो बदमाशों से मुठभेड़ के बाद घटनास्थल पर खड़ी क्राइम ब्रांच की टीम।
लूट के बाद रोज प्रयागराज लौट जाते थे
पुलिस की पूछताछ में संतोष ने बताया कि प्रयागराज में उसे अब लगभग सभी थानों के पुलिसकर्मी पहचानने लगे थे। इसलिए अब वह पकड़े जाने के डर से प्रयागराज में लूटपाट की घटनाएं नहीं करता था। आखिरी बार वह अक्टूबर 2020 में जेल से जमानत पर छूटा था। इसके बाद कुछ महीनों तक वह घर पर ही रहा। दूसरी बार का लॉकडाउन जब खत्म हुआ तो उसे प्रयागराज में पवन मिला।
18 जून को वाराणसी में चेन लूट को दिया अंजाम
पवन से उसने कहा कि वह उसका साथ दे और सहयोग करे। यदि वह साथ देगा तो लूट में जो भी माल हाथ लगेगा उसका आधा हिस्सा उसका होगा। इसके बाद दोनों रोजाना प्रयागराज से वाराणसी आते थे। एक हफ्ते तक दोनों लंका और भेलूपुर थाना के अलग-अलग मुहल्लों में घूमे। दोनों ने देखा और समझा कि किस गली से होकर आसानी से वापस डाफी बाईपास जाकर प्रयागराज भाग सकते हैं।
इसके बाद दोनों को जहां मौका मिला वहीं किसी महिला की चेन छीन कर वापस प्रयागराज भाग जाते थे। उधर, वाराणसी पुलिस का दावा है कि बीती एक जून से 18 जून तक लंका और भेलूपुर थाना क्षेत्र में चेन छीनने की जितनी भी घटनाएं हुई हैं उनमें इन्हीं दोनों बदमाशों का हाथ थे।
पहचान छिपाने के लिए संतोष पहनता था हेलमेट
संतोष नीले रंग की अपाचे बाइक से चलता है। हाल के दिनों में चेन छीनने की जो भी घटनाएं हुई, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में यही सामने आया कि बदमाश नीले रंग की अपाचे बाइक से थे। संतोष ने पुलिस को बताया कि बाइक उसकी है। बाइक का रजिस्ट्रेशन पेपर लेकर और हेलमेट लगाकर वह चलता था। एकाध-दो बार रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने उसे रोका भी तो वह आम राहगीर की तरह बाइक के पेपर दिखा दिया और उसे जाने दिया गया।
रिमांड पर लेकर पुलिस करेगी पूछताछ
उधर, पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वाराणसी से लूटी गई चेन संतोष ने कहां बेची या कहां रखी है। हालांकि वह इतना शातिर है कि पुलिस ने उससे शुक्रवार की देर रात तक जब भी लूटी गई चेनों के बारे में पूछा वह पैर में गोली लगने से होने वाले दर्द का हवाला देकर आंख बंद कर ले रहा था। लंका इंस्पेक्टर महेश पांडेय ने बताया कि फिलहाल दोनों बदमाशों को जेल में दाखिल किया जाएगा। अदालत की अनुमति से दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ कर लूटी गई चेन बरामद कराई जाएगी।
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