[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Uttar pradesh
- Kanpur
- Whose Responsibility Was In His Hands, He Was Teaming Up With His Colleagues In Black Marketing Of Remedisvir Injection, 4 Accused Arrested
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
कानपुर19 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

यूपी के कानपुर में पुलिस ने रे�
उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोना का कहर लगातार जारी है लेकिन कुछ ऐसे संवेदनहीन लोग हैं जो अभी भी मरीजों के परिजनों को लूटने में पीछे नहीं है। कुछ लोग कालाबाजारी व मुनाफाखोर चोरी छिपे दवाइयों और इंजेक्शन की भी कालाबाज़ारी करने से नहीं चूक रहे हैं। जिन हाथों में इसकी जिम्मेदारी है वो भी मौके का फायदा उठा पीछे नहीं हैं। ऐसे ही एक मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने हैलट अस्पताल में छापेमारी कर मौके से हैलट अस्पताल के 2 नर्सिंग स्टाफ व 2 अन्य लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार, मुखबिर से काइम ब्रान्च की टीम को सूचना मिली कि रेमडेसिविर इन्जेक्शन कुछ व्यक्तियों द्वारा ऊंचे दाम पर गलत तरीके से बेचा जा रहा है। सूचना मिलते ही काइम ब्रान्च की टीम ने ग्राहक बंद कालाबाजारी करने वाले आयुष कमल से सम्पर्क किया गया और इस दौरान बातचीत कर क्राइम ब्रांच की टीम ने रेमडेसिविर इन्जेक्शन 37000 रूपये में खरीदने के लिए तय किया।
इसके बाद इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए तय किए गए स्थान पर टीम के सदस्य पहुंचे तो इंजेक्शन की डिलीवरी देने के लिए चेतांष चौहान ,अंशुल शर्मा व आयुष कमल के साथ मौके पर पहुंची और तय रकम के अनुसार इंजेक्शन डिलीवर करने लगे तभी पहले से मौके पर मौजूद क्राइम ब्रांच के सदस्यों ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में इन्होंने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि इस काम में इन तीनों के साथ हैलट हास्पिटल में नर्सिंग स्टाफ के तौर काम करने वाला विक्रम भी शामिल है जो मरीजों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन चुरा कर उन्हें उपलब्ध कराता था, जिसे तत्काल क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
अंदर से लेकर बाहर तक तय होते थे दाम
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में इन सभी ने बताया कि आयुष का काम कस्टमर ढूंढ कर लाना होता था जिसके बाद आयुष उनकी मुलाकात अंशुल शर्मा से करता था। कस्टमर से बातचीत करने के बाद अंशुल शर्मा इंजेक्शन के लिए एक निजी हॉस्पिटल की ओपीडी में काम करने वाले चेतांष चौहान को जिम्मेदारी होती था जिसके बाद चेतांष चौहान हैलट अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का काम करनेे वाले विक्रम से इंजेक्शन की मांग करता था और विक्रम इंजेक्शन उपलब्ध भी कराता था।
क्राइम ब्रांच की पूछताछ में विक्रम ने बताया कि वह हैलट अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का काम करता हूं, मरीजों के लिये आने वाले रेमडेसिविर इन्जेक्शन में से चोरी करकेेेे वह चेतांष चौहान को 10000 रुपए में बेच देता था फिर चेतांष चौहान अंषुल को 20,000 रुपए में बेच देता है और वही अंषुल आयुष को 30,000 रुपए में बेच देता है फिर आयुष कस्टमर को 35,000/- से 40,000 रुपए में बेचता था।
क्या बोले अधिकारी
डीसीपी क्राइम सलमान ताज पटिल ने बताया कि काइम ब्रान्च की टीम को सूचना मिली कि रेमडेसिविर इन्जेक्शन कुछ व्यक्तियों द्वारा ऊंचे दाम पर गलत तरीके से बेचा जा रहा है। प्रकरण का संज्ञान लेकर काइम ब्रान्च की टीम द्वारा कार्रवाई करते हुये ग्राहक बनकर आयुष कमल से सम्पर्क किया गया। वार्तालाप के बाद रेमडेसिविर इन्जेक्शन 37000 रूपये में तय हुआ। गिरफ्तार किए गए आयुष अपने अन्य साथियों के नाम बताए जिन्हें भी रफ्तार कर लिया गया है। साथ में विक्रम जो कि हैलट हास्पिटल में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम करता था।हैलट हास्पिटल में मरीजों को दिये जाने वाले रेमडेसिविर इन्जेक्शन में से आधा रेमडेसिविर इन्जेक्शन की चोरी कर ब्लैक मार्केट में बेचता था।
[ad_2]
Source link